आज का विचार

जो निर्गुण-निराकार है उसे सगुण-साकार करने का प्रयत्न करो, परमात्मा निर्गुण-निराकार भी है और वही परमात्मा सगुण-साकार भी है।

आज का विचार

सकाम-भाव से कार्य करते रहोगे तो संसारिक बंधन में बंधे रहोगे, निष्काम-भाव से कर्म करने पर ही भगवान की भक्ति प्राप्त कर सकोगे।

आज का विचार

ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास न करो, अज्ञानता दूर करने का प्रयत्न करो, अज्ञानता दूर होते ही एक दिन ज्ञान स्वयं प्रकट हो जायेगा।

आज का विचार

स्वयं को कर्ता मान कर कार्य करने से सकाम-कर्म होता है, और स्वयं को अकर्ता मान कर कार्य करने से निष्काम-कर्म होता है।

आज का विचार

मनुष्य जीवन का एक मात्र उद्देश्य माया-पति की शरण में जाकर माया को पार करके भगवान की अनन्य भक्ति प्राप्त करना होता है।

आज का विचार

सांसारिक वस्तु का चिन्तन करोगे तो चिन्ताओं से ग्रस्त रहोगे, भगवान का चिन्तन करोगे तो सभी चिन्ताओं से मुक्त हो जाओगे।

आज का विचार

जीवात्मा अज्ञानता के कारण चाहता कुछ है और इच्छा किसी अन्य की करता है, जैसी इच्छा करते हो वैसा ही प्राप्त करते हो।

आज का विचार

जगत से प्रेम करोगे तो जन्म-मरण के चक्कर में पडे रहोगे, जगदीश से प्रेम करोगे तो जन्म-मरण से मुक्त को जाओगे।

आज का विचार

जो समय का मूल्य जानेगा वही समय का सदुपयोग कर पायेगा, संसार में समय से अधिक मूल्यवान वस्तु और कोई नही है।

आज का विचार

संसार से प्रेम करने से दुख के अलावा और कुछ नही मिलता है, परमात्मा से प्रेम करने से ही आनन्द की प्राप्ति होगी।

आज का विचार

सत्संग के बिना परमात्मा को जानने की जिज्ञासा उत्पन्न नहीं होती है, जब तक जिज्ञासा उत्पन्न नही होगी तब तक भगवान की प्राप्ति असंभव है।

आज का विचार

मनुष्य जीवन में संगति का सबसे अधिक प्रभाव पडता है, पाप कर्म से बचना चाहते हो तो दुष्ट स्वभाव वालों की संगति से हमेशा दूर रहो।

आज का विचार

मन की शुद्धि निष्काम-भाव (बिना फ़ल की इच्छा) से कार्य करने से ही होगी, सकाम-भाव (फ़ल की इच्छा) से मन की शुद्धि कभी नही होगी।

आज का विचार

एकान्त में रह कर ही शान्ति का अनुभव होगा, यदि एकान्त में न रह सको तो अच्छे लोगों का संग करो और बुरे लोगों के संग से दूर रहो।

आज का विचार

धर्मानुसार कार्य करने पर वही कार्य होगें, जिनसे वर्तमान में मन को आनन्द मिलेगा और भविष्य में परमानन्द स्वरुप की प्राप्ति होगी।

आज का विचार

शक्तिशाली वही है जिसने सर्वशक्तिमान भगवान की शरण ग्रहण कर ली है, भगवान की शरण में रहने वाला भय से मुक्त हो जाता है।

आज का विचार

शरीर पालन के लिये अधर्म न करो, शरीर तो यहीं रह जायेगा लेकिन अधर्म तो अनेकों जन्मो तक पीछा नही छोडेगा।

आज का विचार

मनुष्य शरीर बहुत ही दुर्लभ है, मनुष्य जीवन का केवल एक ही उद्देश्य भगवान की अनन्य-भक्ति प्राप्त करना होता है।

आज का विचार

भगवान की कृपा केवल उन्ही पर होती है, जो निष्काम-भाव से भगवान पर आश्रित होकर कार्य करते हैं।

आज का विचार

भक्ति-मार्ग में प्रवेश के केवल दो ही मार्ग है निष्काम कर्म-मार्ग और निष्काम ज्ञान-मार्ग।

आज का विचार

परमात्मा प्राप्ति तभी संभव है जब स्वयं पर अविश्वास और भगवान पर अटूट विश्वास होगा।

आज का विचार

जितनी अधिक शारीरिक सुख की इच्छा करोगे उतने ही अधिक मानसिक दुख प्राप्त करोगे।

आज का विचार

जीवात्मा जब से शरणागति की पूर्ण महिमा जान जाती है वह तभी से मुक्त हो जाती है।

आज का विचार

पाप कर्म केवल भगवान के शरणागत होकर भगवद-भक्ति करने से ही नष्ट हो सकते है।

आज का विचार

संसार में निष्ठा रखोगे तो बंधन में फ़ंसोगे, भगवान में निष्ठा रखोगे तो मुक्त हो जाओगे।

आज का विचार

सभी दुखों से निवृत्ति परम-आनन्द स्वरूप परमात्मा की प्राप्ति होने के बाद ही होती है।

आज का विचार

मन को संसार में जितना अधिक लगाओगे तो उतने ही परमात्मा से दूर होते जाओगे।

आज का विचार

संतो के साथ निरन्तर सत्संग करोगे तो धीरे-धीरे परमात्मा से दूरी कम होती जायेगी।

आज का विचार

सदगुरु से प्राप्त शरणागति मन्त्र का जाप श्रद्धा से करने से ही मन की शुद्धि होती है।

आज का विचार

नि:स्वार्थ भाव से जो भी पुरुषार्थ किये जाते हैं, वही सही मायने में पुरुषार्थ होते हैं।