आज का विचार

मानव जीवन पानी के बुलबुले के समान है न जाने कब यह बुलबुला फ़ूट जाये, धर्माचरण न करने पर व्यवहार और परमार्थ दोनों बिगड जाते हैं, धर्मानुसार व्यवहार ही परमार्थ का मार्ग है।