मुख पृष्ठ
श्रीमद् भगवद् गीता
श्री राम चरित मानस
आध्यात्मिक चिंतन
बृज चित्र-दर्शन
भजन-संगीत
प्रार्थना
समर्पण
आज का विचार
जब तक बुद्धि द्वारा मन शरीर (ज़ड प्रकृति) में स्थित रहता है तब तक जीव अज्ञानी ही है, जब बुद्धि द्वारा मन आत्मा (चेतन प्रकृति) में स्थित होने लगता है तभी जीव का अज्ञान दूर होने लगता है।
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ