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आज का विचार
शास्त्र-अनुकूल पुरुषार्थ से ही सांसारिक शान्ति, पुण्य-कर्म का संग्रह और मोक्ष की प्राप्ति होती है, शास्त्र-प्रतिकूल पुरुषार्थ से ही सांसारिक अशान्ति, पाप-कर्म का संग्रह और बन्धन की प्राप्ति होती है।
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