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आज का विचार
जब किसी जीवात्मा का सत्संग के द्वारा विवेक जाग्रत हो जाता है तभी जीव का मिथ्या अहंकार (शरीर का आकार), शाश्वत अहंकार (आत्मा का आकार) में परिवर्तित हो पाता है और तब अज्ञान का आवरण हटने लगता है।
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