आज का विचार

गुरु ऎसा होना चाहिये जिसे हर वक्त शिष्यों का ध्यान हो और शिष्य ऎसा होना चाहिये जिसे गुरु पर स्वयं से अधिक विश्वास हो।
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जब तक गुरु के प्रति दृढ़ श्रद्धा और वाणी पर पूर्ण विश्वास नही होगा, तब तक चित्त की स्थिरता और ज्ञान की प्राप्ति असंभव है।