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आज का विचार
जो मनुष्य श्रद्धा और भक्ति में समान रूप से दृड़ स्थित है, जो अन्य भौतिक कार्यों में लिप्त नहीं होते हैं, ऎसे कम बोलने वाले, मधुर बोलने वाले और अधिक सुनने वाले मनुष्य निश्चित रूप से पुण्यवान होते हैं।
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