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श्रीमद् भगवद् गीता
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आज का विचार
सज्जन व्यक्ति नारियल के समान होते हैं, जो कि बाहर से कठोर और अन्दर से निर्मल होते है, अन्य व्यक्ति बदरी फल के समान होते हैं जो कि केवल बाहर से ही अच्छे लगते हैं।
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