मुख पृष्ठ
श्रीमद् भगवद् गीता
श्री राम चरित मानस
आध्यात्मिक चिंतन
बृज चित्र-दर्शन
भजन-संगीत
प्रार्थना
समर्पण
आज का विचार
व्यक्ति बुद्धि से जैसा सोचता है, मन में वैसे ही विचार उत्पन्न होते है, वैसे ही कर्म होते है, इसलिये जिस व्यक्ति के मन में कभी बुरे विचार उत्पन्न नहीं होते हैं, उस व्यक्ति से कभी भी पाप-कर्म नही होते हैं।
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ