आज का विचार


जो व्यक्ति तन से सांसारिक कर्तव्य-कर्म करता है और मन से निरन्तर भगवान का स्मरण करता है, ऎसा भक्त भगवान को प्रिय होता है।
जो व्यक्ति वाणी से तो भगवान का नाम जपता है और मन से सांसारिक वस्तुओं का स्मरण करता है, ऎसा व्यक्ति स्वयं को ही धोखा देता है।