आज का विचार


सांसारिक व्यवहार सहजता से निभाते चलो जो हो जाय तब भी सही और जो न हो तब भी सही मानकर सन्तोष करना चाहिये, ऎसा करने से मन को भगवान में लगाने में आसानी होगी।