आज का विचार


जिसप्रकार भृंगी नाम का कीड़ा भंवरे का चिन्तन करते-करते भंवरा बन जाता है उसीप्रकार जीव भगवान का चिंतन करते-करते भगवान के दिव्य स्वरूप को प्राप्त हो जाता है।