आध्यात्मिक विचार - 21/12/2010


साधु और संतों को उनके रंग-रूप या पहनावा से नही जाना जा सकता है।

साधु और संतों को उनके रहन-सहन और स्वभाव से ही जाना जा सकता है, स्वभाव जानने के लिये उनकी संगति करना आवश्यक है, क्योंकि बिना संगति किये किसी भी व्यक्ति के स्वभाव को नहीं जाना जा सकता है।

साधु व संत केवल वही होता है, जिसके द्वारा एक मात्र परमतत्व-परमात्मा को साध लिया गया है और जिसकी मन सहित सभी इन्द्रियाँ शान्त हो चुकी हैं।