शब्द ही ब्रह्म होते हैं! शब्द ही अस्त्र होते हैं! शब्द ही ब्रह्मास्त्र है! ब्रह्माण्ड में ब्रह्मास्त्र के समान अन्य कोई शक्ति नहीं है।
मनुष्य के पास ब्रह्मास्त्र ही सबसे बड़ी शक्ति होती है, व्यक्ति को शब्द रूपी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग हमेशा धर्म के लिये ही करना चाहिये, शब्द रूपी ब्रह्मास्त्र का प्रयोग अधर्म के लिये करने पर व्यक्ति का नाश ही होता है।
प्रत्येक व्यक्ति शब्दों का प्रयोग दो प्रकार से करता है एक वाणी से बोलकर और दूसरा हाथों से लिखकर, इसलिये व्यक्ति को सोच समझकर इस ब्रह्मास्त्र का उपयोग करना चाहिये।