आध्यात्मिक विचार - 30-12-2010


आवश्यकता के अनुसार कर्म करने वाला, और आवश्यकता के अनुसार धन-संपत्ति का संग्रह करने वाला ही पाप-कर्म से बच पाता है।

सभी मनुष्य जो कुछ करते हैं, वह अपनी इच्छा के अनुसार करते हैं, आवश्यकता के अनुसार नहीं करते है, इच्छा के अनुसार वस्तु का संग्रह करने वाला कभी भी पाप-कर्म करने से नहीं बच सकता है।

जो व्यक्ति आवश्यकता के अनुसार कर्म संग्रह करता है, वह सभी प्रकार के पाप-कर्मों से बचकर एक दिन स्वयं महापुरुषों की अवस्था को प्राप्त कर जाता है।