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आध्यात्मिक विचार - 1/12/2010
गुरू का कर्तव्य बोलना होता है और शिष्य का कर्तव्य सुनना होता है।
गुरु का कर्तव्य शास्त्रों के अनुसार शिक्षा देना होता है और शिष्य का कर्तव्य श्रद्धा और विश्वास के साथ सुनकर गुरु की आज्ञा को भगवान की आज्ञा समझकर पालन करना होता है।
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