जब मनुष्य की बुद्धि और मन एक ही दिशा में कार्य करतें है तब सारे भ्रम मिट जाते हैं।
जिस प्रकार पतिव्रता स्त्री हमेशा अपने पति की आज्ञा का पालन करती है तो संसारिक गृहस्थ जीवन सुखमय होता है।
उसी प्रकार बुद्धि हमेशा मन की आज्ञा का पालन करे तो आध्यात्मिक जीवन आनन्दमय हो जायेगा।