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आध्यात्मिक विचार - 5/12/2010
जो व्यक्ति एक परमात्मा से अनेक जीवात्मा को उत्पन्न देखता है और अनेक जीवात्माओं में एक परमात्मा को देखता है, केवल वही व्यक्ति यथार्थ देख पाता है।
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