आध्यात्मिक विचार - 11/12/2010

आत्मा ईश्वर का अंश है जो कि सभी प्राणीयों में समान रूप से स्थित रहता है, इसलिए केवल देवी-देवताओं का ही नहीं बल्कि प्रत्येक प्राणी का आदर करना चाहिये, लेकिन किसी एक रूप में मन को स्थित करके पूजा-उपासना करनी चाहिये।

जब व्यक्ति की सभी कामनायें एक इष्ट के द्वारा पूर्ण हो सकती हैं तो अनेक देवी-देवताओं को पूजने की क्या आवश्यकता है? गीता के अनुसार अनेक देवी-देवताओं को पूजने वाले मूढ़ (निपट मूर्ख) स्वभाव वाले होते हैं।