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आध्यात्मिक विचार - 06-01-2011
जब तक व्यक्ति पतन और उत्थान का भेद नही जानता है तब तक वह पतन के मार्ग पर ही चलता रहता है।
जब तक व्यक्ति अपने सभी कर्तव्य कर्म-फलों को मन से ईश्वर को नहीं सोंपता है तब तक वह पतन के मार्ग पर ही चलता है।
जब व्यक्ति अपने सभी कर्तव्य कर्म-फलों को मन से ईश्वर को सोंपता रहता है, तब वह उत्थान की मार्ग पर चलने लगता है।
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