आध्यात्मिक विचार - 29-01-2011

केवल सुख-शान्ति चाहने से शान्ति नही मिल सकती है बल्कि सांसारिक कामनाओं के शान्त होने पर ही सुख-शान्ति मिल सकती है।

प्रत्येक व्यक्ति सुख और शान्ति ही चाहता है लेकिन कर्म दुखः और अशान्ति के लिये ही करता है, व्यक्ति जैसा कर्म वैसा ही फल पाता है।

जब तक व्यक्ति की सांसारिक कामनायें शान्त नहीं हो जाती हैं तब तक व्यक्ति को वास्तविक सुख और शान्ति की प्राप्ति नहीं हो सकती है।