आध्यात्मिक विचार - 21-02-2011

भगवान की भक्ति रूप मणि तो स्वयं धन-रूप है, जिसके कारण मोह रूपी दरिद्रता उसके समीप कभी नहीं आ पाती है, इस मणि के बिना कोई कभी सुखी नहीं रह सकता है।