आध्यात्मिक विचार - 22-02-2011

भक्ति रूप मणि तो स्वयं ज्ञान से प्रकाशित होती है, जिसको कामना रूप अन्धकार की छाया कभी भी स्पर्श नही कर पाती है, इस मणि के बिना ज्ञान का प्रकाश असंभव है।