आध्यात्मिक विचार - 17-03-2011

दानी के समान अन्य कोई सुन्दर हृदय वाला नहीं होता है, पृथ्वी पर लोभ के समान कोई अन्य शत्रु नहीं होता है, लज्जा के समान कोई आभूषण नहीं होता है और संतोष के समान अन्य कोई धन नहीं है।