आध्यात्मिक विचार - 25-03-2011


संसार में व्यक्ति पास जो कुछ भी प्राप्त है वह सभी वस्तु भगवान की हैं भगवान ने वह वस्तुऎं हमें उपयोग करने के लिये दी हैं।

जब व्यक्ति उन सभी वस्तुओं को अपना समझकर स्वयं के लिये उपभोग करता है तो प्रकृति के द्वारा बार-बार जन्म-मृत्यु रूपी संसार सागर में डुबाया जाता है।

जब व्यक्ति उन सभी वस्तुओं को भगवान की समझकर भगवान के लिये उपयोग करता है तो वह व्यक्ति शीघ्र ही सभी कर्म बन्धन से मुक्त होकर भगवद-प्राप्ति रुपी परम-सिद्धि को प्राप्त हो जाता है।