आध्यात्मिक विचार - 09-04-2011

संसार में जो कुछ भी अभी तक हुआ है, जो कुछ भी हो रहा है और जो कुछ भी आगे होगा, वह सब भगवान के पूर्व निर्धरित संकल्प से ही होता है।

जो व्यक्ति जिस भाव से देखता है, सुनता है, बोलता है, सूंघता है, स्पर्श करता है, उसी प्रकार के विचार मन में उत्पन्न होते हैं।

जैसे विचार मन में उत्पन्न होते हैं वैसा ही व्यक्ति द्वारा वर्तमान में कर्म होता है और वैसा ही अगले जन्म में फल रूप में प्राप्त होगा।