आध्यात्मिक विचार - 20-04-2011


वेद और शास्त्रों के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के लिये स्वयं भगवान ने आदेश दिया है, भगवान के आदेश का उलंघन करके संसार में कोई भी मनुष्य सुख-शान्ति को प्राप्त नहीं कर सकता है।

शास्त्रों में से हर व्यक्ति को अपनी स्थिति के अनुसार भगवान की आज्ञा को जानने का प्रयत्न गुरु से करना चाहिये, क्योंकि हर व्यक्ति का कर्तव्य कर्म अलग-अलग होते हैं।

शास्त्रों को अधिक पढ़ने या जानने से भ्रम ही उत्पन्न होता है, इसलिये गुरु की शरण होकर विश्वास के साथ स्वयं के लिये शास्त्रों के आदेश को जानकर ही कर्तव्य का पालन करने से ही पाप कर्मों से बचा जा सकता है।