आध्यात्मिक विचार - 30-04-2011

किसी बात का बुरा लगना या क्रोध का आना मिथ्या अहंकार से ग्रसित होने का लक्षण होता है।

हर व्यक्ति अपने अंहकार को स्वयं पहचान सकता है, जब भी किसी के भी द्वारा कही गयी बात बुरी लगती है या क्रोध आता है, चाहे वह क्रोध बाहर प्रकट न होकर केवल स्वयं के अन्दर भी रहता है तब तक व्यक्ति मिथ्या अहंकार से ग्रसित रहता ही है।

जब किसी भी बात का बुरा लगना समाप्त हो जाता है तो क्रोध आना भी समाप्त हो जाता है, तभी समझना चाहिये कि अब मिथ्या अहंकार मिट गया है, तभी व्यक्ति शाश्वत अहंकार में स्थित हो पाता है।