आध्यात्मिक विचार - 14-05-2011

प्रत्येक व्यक्ति को वही कर्म करना चाहिये जैसा फल वह चाहता है।

प्रत्येक व्यक्ति कभी न मिटने वाले आनन्द को चाहता है लेकिन अज्ञानता के कारण क्षणिक सांसारिक सुख की इच्छा पूर्ति करने में ही लगा रहता है।