आध्यात्मिक विचार - 16-05-2011


उत्साह व्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ बल होता है, उत्साहित व्यक्ति के समान अन्य कोई बलवान नहीं होता है, लेकिन अति उत्साहित व्यक्ति के समान कोई निर्बल भी अन्य कोई नहीं होता है।

उत्साहित व्यक्ति के लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं होता है, और अति उत्साहित व्यक्ति अंहकार से ग्रसित होने के कारण निर्बल हो जाता है, निर्बल व्यक्ति के लिये संसार में कुछ भी सुलभ नहीं होता है।