आध्यात्मिक विचार - 17-05-2011


संसार में दो प्रकार के ब्रह्मज्ञानी सदगुरु होते हैं।
१.मौनी-ब्रह्मज्ञानी और २.वक्ता-ब्रह्मज्ञानी।

वक्ता-ब्रह्मज्ञानी संसार-सागर में व्याप्त सभी जीवात्माओं के उद्धार के लिये सदैव प्रयत्नशील रहता हैं।

मौनी-ब्रह्मज्ञानी से संसार को विशेष लाभ नही होता है, वह केवल स्वयं के उद्धार में ही मग्न रहता है।