आध्यात्मिक विचार - 20-05-2011

जब तक गुरु के द्वारा प्राप्त शब्दों का आचरण नहीं होता है, तब तक सदगुरु की प्राप्ति नहीं होती है।

सदगुरु की प्राप्ति के बिना किसी भी व्यक्ति को आध्यात्मिक पथ पर प्रवेश नही मिलता है, जब व्यक्ति गुरु के शब्दों पर पूर्ण विश्वास करके निरन्तर आचरण करता है तो एक दिन सदगुरु की प्राप्ति हो जाती है, तभी वह व्यक्ति आध्यात्मिक पथ पर प्रवेश कर पाता है।

गुरु संत स्वरूप होते है जो व्यक्ति को बाहरी रूप से क्रमशः "जीवन की उन्नति" के साथ आध्यात्मिक पथ पर पहुँचने का मार्ग बतलाते हैं, सदगुरु स्वयं भगवान ही होते हैं जो व्यक्ति के स्वयं के अन्दर स्थित होकर क्रमशः "मृत्यु की उन्नति" के साथ परमधाम का मार्ग बतलाते हैं।