आध्यात्मिक विचार - 19-4-2012


प्रेम ही एक मात्र ईश्वर की आराधना है, प्रेम ही ईश्वर की साधना का परम ज्ञान है, प्रेम के बिना मन से ईश्वर का ध्यान करना भी संभव नहीं है।

आध्यात्मिक विचार - 18-4-2012


प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में वह दिन व्यर्थ ही व्यतीत होते हैं, जिन दिनों में संतों की संगति प्राप्त नहीं होती है।

आध्यात्मिक विचार - 11-4-2012


सभी मनुष्यों का लक्ष्य आनन्द को प्राप्त करना है,श्रद्धा युक्त मनुष्य ही आनन्द प्राप्त कर पाता है।

श्रद्धा ही भक्ति का बीज है,श्रद्धा बिना भक्ति असंभव है,भक्ति बिना आनन्द की प्राप्ति असंभव है।

आध्यात्मिक विचार - 8-4-2012


जिस व्यक्ति को गुलमोहर की तरह झरना आ जाता है, जिस व्यक्ति को सूखे पत्ते की तरह गिरना आ जाता है।

अन्तिम समय उस व्यक्ति की आँखों में आँसू नहीं होते, क्योंकि वह जीना सीख जाता है, इसलिये उसे मरना भी आ जाता है।

आध्यात्मिक विचार - 7-4-2012


जिस प्रकार अग्नि को शान्त करने के लिये शीतल जल की अवश्यकता होती है, उसी प्रकार क्रोध रूपी अग्नि को शान्त करने के लिये प्रेम रूपी शीतल जल की आवश्यकता होती है।  

आध्यात्मिक विचार - 4-4-2012


जिस प्रकार घुन गेहूँ को खोखला कर देती है, उसी प्रकार ईर्ष्या व्यक्ति की बुद्धि को खोखला कर देती है।